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अंजाम दिया है

धड़कनों की बेपरवाही ने ये अंजाम दिया है
दिल ने मोहल्लत दी और एक काम दिया है।
वक्त ना गवा , भूल जा उस बेवफा को
मना ले खुद को, खुद से ना खफा हो
दिल को टटोल के कर ले अब तू खाली
चेहरे की करवट बदल, भले मुस्करा तू जाली।
बेवफाई भी उसने की, और तुझे इल्जाम दिया है
धड़कनों की बेपरवाही ने ये अंजाम दिया है

मैं मुस्करा तो रहा था लेकिन बेजार था
मजबूती से खड़ा, तन्हा और लाचार था
यादों की सिलवटें थी दिल मे और
गहराई में फन फैलाता उसका प्यार था
किससे शिकायत करूँ उसकी
जिससे बांटती खुशिया गम, इकलौता वो यार था।
उसने कुछ नही समझा,
मैंने खुद ही खुद को दीवाना नाम दिया है
धड़कनों की बेपरवाही ने ये अंजाम दिया है।

हरकतें मेरी ना सुधरी, तुझसे दिल लगाने की
जुर्माना भारी चुकाता रहा, रूठी तू, तुझे मनाने की।
होश में ना था शायद,
या शराबी तेरी अदाओं का मारा था।
तेरी हर बात मानता रहा, हर बार
शायद उसके अलावा नही कोई चारा था,
तकलीफें जो मिली मुझे, वो तो लगता है
तूने ही करके इंतजाम दिया है
धड़कनों की बेपरवाही ने ये अंजाम दिया है।


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1 Comments

Adeeba Riyaz

18-Aug-2021 01:33 PM

Good

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